मिलिंद सोमन : ग्लैमर की दुनिया का एक संजीदा दोस्त

मिलिंद सोमन से मेरी पहली मुलाकात छह साल पहले हुई थी। इस मुलाकात के साथ ही मिलिंद दोस्ती का ऐसा रिश्ता कायम कर गए, जो आज भी बरकरार है। बीते रविवार जब मिलिंद सोमन से फिर साक्षात्कार की बात मेरे एक वरिष्ठ साथी ने कही, तो छह साल पुरानी यादें ताजा हो गई। हालांकि साल में चार-छह बार मिलिंद से बातचीत होना, मिलिंद का फोन आना और अक्सर आने वाले एसएमएस जुड़ाव को बरकरार किए हुए थे, लेकिन फिर से एक बार अपने दोस्त को याद करने का बहाना मिल गया था। मैं रविवार की छुट्टी होने की वहज से घर पर था। फोन मिलाया, तो मिलिंद बोले, 'भाई शूटिंग कर रहा हंू। चेन्नई आया हुआ हूं। बताओ क्या करना है?' मैंने बातचीत की थीम बता दी। मिलिंद उस वक्त सैट पर जाने के लिए तैयार थे। बोले, 'प्रवीण, शॉट करके आता हंू। तब तक थोड़ा सोच लेता हंू।' कुछ देर बाद मिलिंद का एसएमएस आया। ...और फिर हमारी बातचीत हुई।

मिलिंद अपनी फिल्म 'रूल्स (प्यार का सुपरहिट फॉर्मूला)' के प्रमोशन के सिलसिले में जयपुर आए थे। मुझे पत्रिका में आए सालभर हुआ था और किसी फिल्म स्टार से यह मेरा पहला साक्षात्कार था। मुलाकात का समय तय हुआ और वह भी जयपुर हवाई अड्डे से आमेर के एक पांच सितारा होटत तक उनकी गाड़ी में मुझे बातचीत करनी थी। हम गाड़ी में बैठे और मैं कुछ पूछता उससे पहले उन्होंने मेरे बारे में जानना शुरू कर दिया। मुझे याद है जब मिलिंद ने कहा था, 'प्रवीण, शादी हो गई?' नहीं? 'तो जल्दी कर लो। कामकाज चलते रहते हैं। वर्ना मेरी तरह बुढ़ापे में करोगे। अभी तक मैंने शादी नहीं की है।' क्यों? 'कोई मिली ही नहीं?' ऐसा थोड़े होता है? 'मिलती कब। सोचा ही नहीं। हां सुपर मॉडल होने की वजह से लड़कियां मुझे पसंद करती हैं, लेकिन शादी की सोचने का टाइम ही नहीं मिला। तुम्हे पता है, जब मैं बीकॉम सैकंड इयर में था मुझे आधा घंटे रैंप पर चलने का पहला ऑफर आया। पचास हजार रुपए दे रहे थे। अब बीकॉम सैकंड इयर के स्टूडेंट को आधा घंटे के पचास हजार मिल जाएं, तो कौन नहीं बनेगा मॉडल। बस मैं कौन सा रुकने वाला था। बन गए मॉडल। तुम होते, तो तुम भी नहीं रुकते। कोई नहीं रुकता।'


मिलिंद के बाद मैं लगभग 40 से ज्यादा फिल्म स्टार और मॉडल्स से मिला। लेकिन मिलिंद जैसा जमीन से जुड़ा हुआ स्टार मैंने अभी तक नहीं देखा। शायद यही कारण है, मिलिंद आज भी जुड़े हुए हैं। एक अच्छे दोस्त की तरह।


मिलिंद के शब्दों में पढ़े, उनसे आजादी के बासठ साल बाद मिलिंद क्या सोचते हैं (इसके लिए इमेज पर क्लिक करें)
Share on Google Plus

About Publisher

3 comments:

Arshia Ali said...

Jakhad jee, TSALIIM pe aapne jo jaankaaree padhee hai, wo ek sthaaneey akhbaar men kaafee samay pahle prakaashit huyi thee.
{ Treasurer-S, T }

Dileepraaj Nagpal said...

jee Huzur, Hamara Pesha Hi Aisa Hai Ki Kuch Log Bahut Meethi Yaaden Chod Jaate Hain To Kuch Bahut Khatti. Aapki Yaaden Padhkar Mujhe Dharmendra Bhajee Se Hui Khud Ki Baat Yaad Aa Gyi...

Anonymous said...

अच्छा लगा मिलिंद के इस रूप को जानकार,
....वैसे हम तो अब तक उनके 'मधु सप्रे के साथ वाली फोटो' के कारण जानते थे :)

...मधु सप्रे ही थीं ना वो ?